Mustard Oil Production : भारत में हर दिन करीब 11000 सरसों तेल की आवश्यकता होती है। देश में मांग के अनुसार सरसों का उत्पादन कम है। इस कारण मौजूदा समय में सरकार 70000 से 80000 करोड़ खर्च कर करीब 2 करोड़ टन खाने वाले तेल का आयात करती है। वही देश को सालाना करीब 3.5 टन खाने के तेल की जरूरत होती है। भारत मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्राज़ील में सरसों के तेल का आयात होता है।पिछले साल 75 लाख टन पाम आयल मलेशिया और इंडोनेशिया से आयात किया गया था। साथ ही सूरजमुखी के तेल का भी आयत बड़े स्तर पर किया जाता है।
सरसों के तेल की तगड़ी डिमांड के चलते इसमें बड़े स्तर पर मिलावट कभी खेल चल रहा है। सीजन में तो सरसों के तेल की और डिमांड बढ़ जाती है और इस दौरान मिलावट वाले तेल की खूब बिक्री होती है। इस तरह का तेल सेहत के लिए बहुत हानिकारक होता है। लेकिन इससे व्यापारियों को अधिक मुनाफा होता है।
दुकानदारों और व्यापारियों के खिलाफ कार्रवाई
मुख्यमंत्री के निर्देश पर चलाए जा रहे प्रदेश में शुद्ध आहार मिलावट परिवार अभियान के तहत कई दुकानों पर कार्रवाई हुई है।और मिलावटी पदार्थों को सीख कर व्यापारियों के खिलाफ सख्त एक्शन लिया गया है।
सुरक्षा विभाग ने की छापेमारी
राजस्थान के झोटवाड़ा जिले से एक ताजा मामला सामने आया है।शिव शक्ति भाग की टीम ने एरिया में यहां छापामारी की। सब ठीक-ठाक समस्या के आयुक्तइकबाल खान के निर्देश और अतिरिक्त खाद्य सुरक्षा आयुक्त पंकज ओझा ने नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम द्वारा कार्रवाई की गई है।
अन्य कंपनियों में भी की गई जांच
इस कार्रवाई से पहले भी विभाग द्वारा दो से तीन कंपनियों के यहां सरसों के तेल के सैंपल लेकर एक जांच करवाई की गई थी। जिसमें इसका नमूना फेल पाया गया था। इसी क्रम में मंगलवार को मानक पाए जाने पर झोटवाड़ा एरिया में 55000 लीटर सरसों का कई ब्रांड तेल का स्टॉक सीज किया गया और सैंपल लेकर विभागीय लेबोरेटरी में जांच के लिए भेजा जा रहा है। सरसों के तेल में मिलावट के हजारों मामले सामने आ चुके हैं।अब सवाल है कि आप असली सरसों के तेल की पहचान कैसे कर सकते हैं।
सरसों के तेल में पाई गई गड़बड़ी
खाद्य सुरक्षा की टीम को झोटवाड़ा एरिया में स्थित तिरुपति ऑयल इंडस्ट्री के पवन ऑयल ब्रांड की फैक्ट्री पर छापेमारी की गई इसमें करीब 55 हजार लीटर सरसों का तेलपैरामीटर के अनुसार नहीं होने की आशंका पर चीज किया गया है। बता दें कि यह कार्रवाई इस अभियान के दौरान कि अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई है।
Mustard Oil Production की पहचान
- सरसों के तेल की सबसे बड़ी पहचान तो इसका सैंपल होता है सरसों के तेल में एक बहुत तीखी स्मेल आती हैजबकि नकली सरसों के तेल की स्मेल इतनी स्ट्रांग नहीं होती।
- इसलिए सरसों के तेल की पहचानआप उसके रंग से भी कर सकते हैंअसली सरसों का तेल थोड़ा गाढ़ा और डार्क होता हैजबकि नकली सरसोंका तेल बहुत पतला और लाइट ब्राउन कलर का दिखाई देता है
- सरसों के तेल की पहचान करने का एक तरीका और है सरसों के तेल की पहचान करने के लिए आप एक कढ़ाई में सरसों का तेल गर्म करें और सरसों के तेल में से धुआँ निकालना चाहिए।जब इसमें सेतेज धोने निकलने लगे तो उसकी गंध गायब हो जाती है जिसकी मिलावट वाले तेल में यह नहीं होता।
- सरसों के तेल की पहचान आप इस तरीके से कर सकते हैं।आप थोड़ा सा सरसों का तेल लेकर इसे फ्रीज में रखते हैं। अगर कुछ समय बाद सरसों का तेल जम जाता है। या फिर इसमें सफेद धब्बे दिखाई देने लगते हैं तो समझिए इस तेल में मिलावट की गई है।